राज की चाह में निति खो रही है..

ॐ परमात्मा इस समय चुनावी दौर चल रहा है, हम किसी एक उम्मीदवार को ही वोट दे सकतें हैं, इसका कारण है कि हमें केवल एक वोट का अधिकार है, पर यह अधिकार भी जब किसी जाल में घिरा हुआ मिले तो हमारें लिए समझना और जाल से सुरक्षित निकलना एक दफा तो मुश्किल हो जाता है, ऐसा विचार क्यों आया, इसके पीछे क्या कारण हो सकता है, दरअसल यह कोई आज का विचार...